Friday, November 20, 2009

हमार मनपसँद शेर- ओ- शायरी, भाग - 1

1. मुश्किलो मेँ भाग जाना आसान होता हैँ ,
हर घडी जिँदगी का इम्तिहान होता हैँ ,
डरने वालो को कुछ मिलता नही ,
और लडने वालो के कदमोँ मे सारा जहान होता हैँ ।

2. अपनी जमीँ अपना आकाश पैदा कर,
तु अपने कर्मो से एक नया इतिहास पैदा कर,
युँ सोच लेने से मँजिल नही मिलती,
तु अपने हर कदम मे एक नया विश्वास पैदा कर ।

3. भटकनो मे अर्थ होता है ,
टुटना कब व्यर्थ होता है ,
शक्ति की खोई हुई पहचान जगती हैँ ,
आदमी जब बेतरह असमर्थ होता हैँ ।

4. पत्थर की मुरतोँ मे समझा है तु खुदा है,
खाके वतन का मुझको हर जर्रा देवता हैँ ।

5. आओ झुककर सलाम करे उन्हेँ ,
जिनके हिस्से ये मुकाम आता हैँ ,
इसकदर खुशनसीब होते है वे लोग,
खुन जिनका वतन के काम आता हैँ ।

6. काश की एक दुआ ऐसी होँ ,
सजदे मे जूडी दो हथेलिया ,
एक मेरी और एक तेरी हो ।

7. गमीँ हसरतेँ नाकाम से जल जाते है ,
हम चिरागो की तरह शान से जल जाते हैँ,
शमाँ जिस आग मे जलती है नुमाईश के लिए,
हम उसी आग मे गुमनाम से जल जाते हैँ ।

8. बारी बारी सब गए,
दरिया पार उतारे गए,
कुछ हम जैसे दिवाने ही ,
अपनी अक्खडपन मे मारे गए ।

9. मौत का बेरहम ईतिहास बदल सकते हो ,
पुण्य मे पाप का विश्वास बदल सकते हो ,
अपने आप मे भरोसा रखो तो ,
ये धरती है तुम आकाश बदल सकते हो ।

10. मुश्किल ही हर उम्मीद को आजमा लेती हैँ ,
स्वप्न ही दिलोँ कि परदे हटा देती हैँ ,
ऐ ठोकर खाकर गिरने वाले, हिम्मत ना हार,
क्योँकि ठोकर इँसान को चलना सिखा देती हैँ ।

*** भाग-1 समाप्त ***

Friday, September 11, 2009

जिउतिया - माँ का प्यार

जिऊतिया - एगो अईसन पर्व के नाम ह , जवना मे माँ अपना बेटा के सलामती खातिर दिन भर उपवास रखेली अऊरी प्रार्थना करेली जा कि कि हमरा बेटा के रह हाल मे रक्षा करेम ।
आज पुरा बिहार मे इ पर्व मनावल जा रहल बा । आज के भोर मे ही दही चुडा परिवार के सभी लोग खालन लोग ।
जिऊतिया सिर्फ एगो पर्व ना ह ई माँ के प्यार ह ।
आज हम खुद अपना घर से दुर बानी त हमरा ई एहसास सता रहल बा । इक ईक बात याद आ रहल बा , एक दर्द हो रहल बा । आज हम ईहा पे इ लिख के अपना प्यारी मम्मी के समर्पित कर रहल बानी , अउरी शूक्रगुजार बानी हमरा के इतना अनमोल जीवन देवे खातिर , सँस्कार खातिर , पग पग पे हिम्मत देवे खातिर । माँ I LOVE U.
आखिर मेँ दो बुँद आँसु अउरी ढेर सारा फख्र के साथ कहे के चाहत बानी की -

हजारोँ ख्वाहिशे ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले ,
बहुत निकले मेरे अरमाँ फिर कम निकले ।

Wednesday, July 8, 2009

IIT


हम केजीपी (IIT KGP)अइनी,
आके इहवा पछतईनी. (२)
देख इहवा के लाइफ ,
फ्रूस्त (frustrated) हो गईनी.
हो गईनी.

अब का करीं हम ए माई?
आगे कुआ बा, आ पीछे खाई.

हम केजीपी अइनी ,
आके इहवा पछतईनी.

दुनिया IIT KGP के नम्बर वन समझेला लेकिन मोस्ट ऑफ़ द जनता इहा फ्रूस्त रहेला .
देखे के की भभुआ जिला के एगो लईका के एह बारे में का कहे के बा :

सोचनी हा मन से खूब पढ़ब,
आगे दुनिया में नाम करब .(२)
क्लास्वा में माई रे नींद आवेला ,
का जाने पेपर में का लिखब.

प्लान का रहे का कर दिहनी,
बींच मझधारवा में रह गईनी.

अब का करीं हम ए माई ?
आगे कुआ बा, आ पीछे खाई .

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी .


जींदगी झंड होवेला इहवा, जींदगी झंड होवेला .

बबुआ हो, कहत रहनी हां नु की बोम्बे चाहे दिल्ली ले ल,
काहे न मनला हां ... आ?

अकैडवे(Academics) न खाली मखाइल बा ,
देहवो के हाल गडबडाइल बा.
खा के मेसवा के खानवा ,
जान में बन आइल बा.

वैलुओ आपन कुछु नाही बाटें,
डांटे प कुकुरो दौड़ा के काटे (२)

अब का करीं हम ए माई
आगे कुआ बा, आ पीछे खाई

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी

देख ई सब होवेला , इहे में कोम्प्रोमैइज कर ल.
अरे दुनिया में दुःख सुख आई जाई अब इहे में न जीए के बा ?
ललनवा के देखेला ? BIT Mesra में न बा ,आ ओही में मस्त रहेला.
अरे भाई कर्नाटको से गइल गुजरल बा? देख त बबुलवा के दस हज़ार के नौकरी लागल बा . तू काहे झूठो टेंसअनिया जाला?

आके इहवा पछतईनी.

अब का करीं हम ए माई?
आगे कुआ बा, आ पीछे खाई.

हम केजीपी अइनी,
आके इहवा पछतईनी .(रोते हुए )

मत रोअ मत रोअ
अब पछतावे से कुछु होई?
अरे जाए दा मरदे ते नाही इतनो ख़राब नइखे .
IIT हां IIT, दाल भात के कौर ना ह .

maaf karab e rachana hamar na ha balki saura bhai ke h. baki
hamra nik lagal t dal det bani.

Monday, July 6, 2009

किस्सा पचीसा [भोजपुरी लोक कहावत]

1. ना नौ मन तेल होई न राधा नाची ।
2. चिरइ के जान जाए लईका के खेलौना ।
3. न रही बाँस न बाजी बसुरी ।
4. सौ सोनार के एक लोहार के ।
5. नापल जोखल थाहे लईका डुब गेल काहे ।
6. चानी सोना मे लाग जाइ काई, दमडी के गोदना सँगे जाइ ।

7. रहली मे दु जनी पादली मे कव जानी ।
8. नाच न आवे अँगनवे टेढ ।
9. मन चँगा त कठौती मे गँगा ।

10. बाप के नाम साग पात, पुत के नाम परोरा ।

11. एगो अनार सौ गोडे बिमार ।
12. जे खाए सुअर के गोस्त , उ कैसे मियाँ के दोस्त ।
13. झोरी मे झाट फुटहा ना सराय मे डेरा ।
14. नया नौ दिन पुराना सौ दिन ।
15. दिन भर हर पर , रात के चहर पहर ।
16. पकडे के गोड त पकडले बारे सोर ।
17. पानी मे मछरी नौ नौ कुटिया बखरा ।
18. कौआ चले बगुला के चाल ।
19. दु अक्षर पढ लिया गुरुजी को दुख दिया ।

20. मेहरी के खीस डेहरी पर ।

21. सौती के खीस कठौती पर ।
22. बानर के गर मे रुद्राक्ष के माला ।
23. बाडी पुजा पर मन बा भूजा पर ।
24. माँगे के भीख पादे के बीख ।
25. लोग कहे आम त ई कहे ईमली ।
26. राम राम जपना पराया माल अपना ।
27. सकल चुडइल के मजमुन परी के ।
28. नाम चंपवा खुश्बु हए ना ।
29. सराहल बहूरिया डोम घरे जाली ।
30.

सावन के घिरते बादल

कितने मनोहर कितने प्यारे,
सावन के ये घिरते बादल,
बिजली को चमकाते शोला को है और भडकाते,
पत्थर को पानी बनाते बादल,
मधु स्वपनोँ पर छा जाते बादल,
सावन के ये घिरते बादल ।

प्रकति के ये राज दुलारे,
गोपियो के ये माधव प्यारे,
मोर संग घनघोर बन नाचे बादल,
ये आवारा पागल बादल,
सावन के ये घिरते बादल ।

उमडते घुमडते आगे बढते,
काश ! यही पर फुटकर गिर पडते,
सागर सा उफनते बादल,
सबका मन मोह ले जाते बादल,
उफ! सावन के ये घिरते बादल ।

कहता है "भोजपुरिया भईया" अब और न तरसाओ बादल,
दिल मे न शोला भडकाओ बादल,
धरती पुकार रही-
अब हमारी भी प्यास बुझाओ बादल,
आशाओ को न आँसु बनाओ बादल,
घनघोर बन बरस जाओ भी बादल,
हाय! सावन के ये घिरते बादल ।

copyright 2009

Monday, June 29, 2009

जुबान के जादुगर : ~नटवरलाल~

ताजमहल बेचे के भी कर देत रहलन वादा


"वो झुठ भी बोलता था बडे सलीके के साथ, मैँ ऐतबार न करता तो और क्या करता"

ई शेर के अगर केहु सही मायने मे जियलख त,उ रहलन बिहार के सिबान जिला के जिरादेइ गाँव मे जनमल मिथलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवरलाल । कहल जाला कि उनकर बात करे के अँदाज एतना सम्मोहक रहे कि झुठ भी साच लागे लागत रहे । खुद ई बात के नटवरलाल एक बार भरल अदालत मे स्वीकारते हूए कहलन कि हमार बात करे के शैली एतना असरदार बा की अगर जज साहब हमरा से दस मिनट बतिया लिहि त उहा के वही फैसला देब जवन हम कहब । हिन्दुस्तानी ठग बिरादरी मे नटवरलाल का नाम बडे तहजीब के साथ लेवल जाला ...........

नटवरलाल के बारे मे अउरी बतकही कुछ देर मे........

Thursday, June 18, 2009

भोजपुरी पुराण

भोजपुरी एगो क्षेत्रिय भाषा ह जवन कि उतर मध्य अउरी पुर्वी भारत मे बोलल जाला । इ भाषा बिहार के पश्चिमी , झारखंड के उतर- पश्चिमी , उतर प्रदेश के पुर्वी भाग मे बोलल जाला । विदेश मे एकर विस्तार नेपाल , फिजी , गुयाना , त्रिनिदाद , सुरीनाम , माँरिशस तक बा ।

The bhojpuri language is part of eastern hindi which once expended from Assam, bengal from Banaras. while the rest of Bihar and U.P slowly adopted the new Hindi standard, the language remained strong in areas between Patna and Banaras. Bhojpuri shares vocabularly with Sanskrit,Hindi, urdu, and other indo-aryan languages.



भोजपुरी हस्ती :-
The scholar Mahapandit Rahul sanskrityayan had written some works in Bhojpuri. some other notable Bhojpuri personalities are legendary freedom fighter Swami sahajanand saraswati, Dr. Rajendra prasad, fromer pm Lal bahadur shastri, Chandrashekhar, Bihar kokila padamshri sharda sinha, Manoj bhajpai...

अउरी बतकही तनी देर के बाद............

Wednesday, June 17, 2009

आपन बोली, आपन बात

**भोजपुरी - एगो मीठ एहसास **

विश्व के एगो मीठ जुबान के नाम ह भोजपुरी , प्रेम के बोली के नाम ह भोजपुरी , सच्चे दिलवालो के जुबान के नाम ह भोजपुरी , रिश्तो के पावन डोर के नाम ह भोजपुरी , देवर भउजी के पवित्र बोली के नाम ह भोजपुरी , अनेकता मे एकता के पहचान के नाम ह भोजपुरी , वीर कुअर सिँह के क्राँति के आवाज के नाम ह भोजपुरी , गंगा जईसन नि:छल जुबान के नाम ह भोजपुरी , बस हम एतना जानत बानि हमर जान ह भोजपुरी , पहचान ह भोजपुरी , जीवन जीए के आधार ह भोजपुरी ।
** जय भोजपुरी **